मान मांगने से नहीं मिलता।
लम्बा समय.श्रेष्ठ आचरण मनुष्य को माननीय बनाता है।
सम्बंध में थोड़ा झुकना भी पड़ता है,अपनी मत छोड़नी भी पड़ती है।दूसरों को आगें करना भी होता है।निभाना भी पड़ता है।एक श्रेष्ठ. लक्षय को सामने रखना होता है।
विश्व परिवर्तन, देवता बनना या महान कार्य की सफलता जिससे सभी प्रसन्नता और संतुष्टता का फल खाए।
Comments
Post a Comment