वैसे तो हम सभी अपने को ज्ञानी समझते हैं परंतु ज्ञान क्या है यह समझने के लिए ज्ञान की विशेषताओ को समझना आवश्यक है। ज्ञान ही व्यक्ति को उदार ,सहनशील,निर्भीक,विनम्र और परोपकारी बनाता है और उसके व्यक्तित्व में निखार आता है।गुणों का विकास होता है। दूसरी ओर अज्ञानी मनुष्य में स्वार्थ,क्रूरता,अशांति, भय और विनाश की वृद्धि होती है ज्ञान से हम अपने को और दूसरे को पहचान पाते है।सही गलत की पहचान कर साक्षी हो निर्णय ले पाते है। विवेक से काम लेते हैं ज्ञानी ही परमात्मा के साथ का अनुभव कर पाते हैं ज्ञान मार्ग पर चलकर हम अपने जीवन को सुखद बना सकते है और साथ साथ दूसरों के जीवन को भी।परंतु अज्ञान हमें हमारी क्षमता का दुरुपयोग करने हेतु प्रेरित करता है। अज्ञान के कारण हम मोह माया में उलझते जाते है और सांसारिकता में बंधते जाते है और विकर्म कर बैठते और परमात्मा से दूर हो जाते है। अब हमें खुद ही निर्णय लेना है कि हम कौन? ओम शांति।